Saturday, 31 October 2020

Brain Tumour Surgery

 All You Need to Know About - Brain Tumour Surgery

When an abnormal growth of cells takes place inside the brain or the vault of the skull, it is referred to as a brain tumour. The human skull is a rigid structure, any unusual growth in this limited space can cause serious problems. This can also cause brain damage, which is life-threatening.


In most cases, the unrolled cell division happens within the brain, but it can sometimes occur in in blood vessels, lymphatic tissue, in the cranial nerves, in the brain envelopes (meninges), skull, pituitary gland, or from congenital vest cells and pineal gland.

What are the Risk Factors?

The risk factors include:

  • Though it is rare to inherit brain tumour, family history can increase the chances by 5% to 10%
  • The risk of developing a tumour increases with age
  • Exposure to certain chemicals
  • Exposure to ionising radiation

What Symptoms should one lookout for?

When it comes to symptoms, it largely depends on the size and the location of the tumour. Most people feel a pressure on or surrounding the brain. The common symptoms are listed below:

  •     Headaches, from early morning to even when you are sleeping
  •     Blurred vision
  •     Seizures
  •     The weakening of a limb
  •     The weakening of part of the face
  •     Frequent incidents of memory loss, confusion, reduced alertness
  •     Loss of balance
  •     Weakness in muscles
  •     Hand tremor
  •     Difficulty in reading and writing

How is a Brain Tumour Diagnosed?

A look at your medical history, present condition and a physical exam would give the neurologist an idea of the problem. However, the doctor may also examine and evaluate your:

  • Eyes
  • Strength of muscles
  • Memory
  • Coordination
  • Ability to do mental calculations

After this, a few tests and investigations may be required, such as:

  •     CT Scan
  •     MRI
  •     X-rays of the skull
  •     Angiography
  •     Biopsy

Can a Brain Tumour be Treated?

The key factors that decide the course of treatment are:

  • Your general health
  • Type of the tumour
  • Size of the tumour
  •  Location of the tumour

In most cases of malignant brain tumours, surgery is recommended, so that the tumour can be removed without damaging or disturbing the healthy parts within the brain. When the location of a tumour doesn’t allow easy removal, even a partial removal may prove beneficial. The surgical process may be combined with treatments like radiation therapy and chemotherapy.

Early diagnosis and timely treatment can help in averting complications like the growth of the tumour. If you feel that you or someone you know is experiencing symptoms of a brain tumour, see your doctor today.

Blog Reviewed By: Dr Manish Vaish 
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Monday, 11 May 2020

मेनिन्जियोमा - सर्जरी द्वारा निवारण

मेनिन्जियोमा (तानिकार्बुद) मस्तिष्क की सतह पर बढ़ते हैं और मस्तिष्क में से बढ़ने के बजाय ये मस्तिष्क को हल्के से धकेल देते हैं। ज़्यादातर मेनिन्जियोमा बेनाइन (सौम्य) होते हैं क्योंकि ये बहुत ही धीमी गति से बढ़ते हैं और इनमें फैलने की क्षमता कम होती है। मेनिन्जियोमा मस्तिष्क में उत्पन्न होते हैं लेकिन ये स्पाइनल कॉर्ड (मेरु-रज्जु) के भागों में भी उत्पन्न हो सकते हैं। 

 Meningiomas

मेनिन्जियोमा भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं जैसे सिम्पल कॉन्वेक्सिटी मेनिन्जियोमा, कॉम्प्लेक्स स्कल बेस मेनिन्जियोमा और इंट्रा-वेंट्रिकुलर मेनिन्जियोमा।        

मेनिन्जियोमा के इलाज के लिए ग्रेड 0 और ग्रेड 1 पद्धतियों का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें मेनिन्जियोमा को निकाला जाता है। ट्यूमर के कारण मस्तिष्क और स्पाइन (मेरुदण्ड) में दाब (प्रेशर) उत्पन्न होता है। ट्यूमर के दाब के कारण मस्तिष्क के कुछ विशिष्ट भाग, ब्लड वेसल्स (रक्त वाहिनियां) और ट्यूमर के आस-पास स्थित तंत्रिकाएँ (नर्व्स) प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होती हैं। मेनिन्जियोमा को तब तक पहचाना नहीं जा सकता जब तक कि इसके लक्षण उभर कर सामने न आएं। 

तीव्र सिरदर्द 
धुंधला दिखाई देना 
मिरगी और दौरा
स्मरण शक्ति कम होना 
उल्टी

अलग-अलग स्थितियों पर मेनिन्जियोमा के अलग-अलग लक्षण होते हैं

• फॉल्क्स एंड पैरा सजाईटल मेनिन्जियोमा: ड्यूरल फोल्ड से लगे हुए उत्पन्न होता है।        ड्यूरल फोल्ड दो मस्तिष्क गोलार्धों (ब्रेन हेमीस्फीयर) को पृथक करता है।         
• ऑल्फेक्ट्री ग्रूव मेनिन्जियोमा: यह उन तंत्रिकाओं में उत्पन्न होता है जो नाक को मस्तिष्क से जोड़ती हैं। 
• पोस्टिरियर फोसा मेनिन्जियोमा: मस्तिष्क के पिछले भाग में उत्पन्न होता है। 
• सुप्रासेलर या प्लेनम मेनिन्जियोमा: यह खोपड़ी के पास वहां स्थित होता है जहाँ पिट्युटरी ग्लैंड (पियुषिका ग्रंथि) होती है।   
• स्पाइनल मेनिन्जियोमा: स्पाइन (मेरुदण्ड) में स्थित होता है, कुछ मामलों में स्पाइनल कॉर्ड (मेरु-रज्जु) के विपरीत।  
• इंट्राऑर्बिटल मेनिन्जियोमा: इस प्रकार का मेनिन्जियोमा आई सॉकेट में या आई सॉकेट के आस-पास उत्पन्न होता है।  
• इंट्रावेंट्रीकुलर मेनिन्जियोमा: यह उन चैम्बरों (कक्षों) में उत्पन्न होता है जहाँ से सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूड (मस्तिष्कमेरु-द्रव्य) सम्पूर्ण मस्तिष्क में पहुँचता है। 

डायग्नोसिस (रोग निदान) सीटी और कंट्रास्टेड एमआरआई स्कैन के द्वारा किया जाता है क्योंकि अन्य चिकित्सीय अवस्थाओं में भी समान प्रकार के लक्षण होते हैं।

 Meningiomas

ईलाज के विकल्प 

सर्जरी 
ब्रेन ट्यूमर का सर्वोत्तम ईलाज है माइक्रोसर्जरी (सूक्ष्म शल्यकर्म) से ट्यूमर को निकालना। सर्जरी का मुख्य उद्धेश्य होता है ड्यूरल अटैचमेंट और पैनीट्रेटेड बोन (हड्डी) से मेनिन्जियोमा को पूरी तरह से निकालना। अगर ट्यूमर में शिराओं (वेन) या छोटी धमनियां या ब्रेन टिशू (मस्तिष्क उतक) पैनिट्रेशन हो, तब पूरे ट्यूमर को निकालना ख़तरे से भरा हो सकता है। मेनिन्जियोमा सर्जरी में मरीज़ की सुरक्षा को सबसे मुख्य प्राथमिकता दी जाती है। अगर पूरी प्रक्रिया जोख़िम से भरी हो, तो सर्जरी टाल दी जाती है। अगर इमेजिंग जांचों में रेसिडुअल (अवशिष्ट) ट्यूमर में किसी भी प्रकार के बदलाव पाए जाते हैं तो मरीज़ को स्टीरियोटेक्टिक रेडिएशन थेरेपी दी जाती है।


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